छि: भै तुम भि

 

उत्तराखंड की लगूली

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छि: भै तुम भि

 

छि: भै तुम भि लाजबाब कैर दिंदौ ।

घड़ि मै माया को हिसाब कैर दिंदौ ।।

 

आंख्यूं मा हमरि क्या-क्या पड़दवा ।

द्यखदै खतम पूरी किताब कैर दिंदौ ।।

 

तुमरि बात मा नशा बक्किबाता को ।

छुयूं-छुयूं मा छुयूं थैं शराब कैर दिंदौ ।।

 

तुम दगड़ प्रीत लगै मीथैं क्या मील ।

सर्या राति मेरि निंद खराब कैर दिंदौ ।।

 

अंग्वाळ बोटि याल हमन त तुम फर ।

मरजि तुमरि जनि निसाब कैर दिंदौ ।।

 

माया लगौण क्वी त्वैमा सीख 'पयाश' ।

उल्टा सवाल सीधा जबाब कैर दिंदौ ।।

 

©® पयाश पोखड़ा

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