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छि:
भै तुम भि
छि:
भै तुम भि लाजबाब कैर दिंदौ ।
घड़ि
मै माया को हिसाब कैर दिंदौ ।।
आंख्यूं
मा हमरि क्या-क्या पड़दवा ।
द्यखदै
खतम पूरी किताब कैर दिंदौ ।।
तुमरि
बात मा नशा बक्किबाता को ।
छुयूं-छुयूं
मा छुयूं थैं शराब कैर दिंदौ ।।
तुम
दगड़ प्रीत लगै मीथैं क्या मील ।
सर्या
राति मेरि निंद खराब कैर दिंदौ ।।
अंग्वाळ
बोटि याल हमन त तुम फर ।
मरजि
तुमरि जनि निसाब कैर दिंदौ ।।
माया
लगौण क्वी त्वैमा सीख 'पयाश' ।
उल्टा
सवाल सीधा जबाब कैर दिंदौ ।।
©®
पयाश पोखड़ा
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