छुवीं बत्था छवां हम

उत्तराखंड की लगूली

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काचि कछड़ि्यूं की छुवीं बत्था छवां हम ।

लिंडर्या छ्वारा की बिसरीं कथा छवां हम ।।

 

पंद्यरि भि दूर अर गगरि कस्यरि फुटीं छन ।

यूं पणसरौं की आंदि जांदि घत्ता छवां हम ।।

 

कखि भपळि चड़िं कखि उस्यईं च जिंदगि ।

मौनौं की पेतण अनगरु को छत्ता छवां हम ।।

 

काचा किनग्वड़ौ मा सुखाणा रैं लोग हमथैं ।

सिक्कासैर्यूं मा द्वि सेर चार पथा छवां हम ।।

 

कभि माळु तिमलौं का डाळौं मा हैंसदा रौं ।

अबरि जुठ्ठा पतळौं का रुंदा पत्ता छवां हम ।।

 

जो सदनि सर्या दुन्या का खैड़ा खाणु राया ।

वी निख्वर्या बरमंड कपाळ मत्था छवां हम ।।

 

धौ संदकै जिंदगि की नांग ढकांणा का बाना ।

कुतरण्यां सि अदरण्यां लारा लत्ता छवां हम ।।

 

त्यारा द्विया हथु थैं कब मील क्वी काम यख ।

"पयाश"तबि त अजकाल इकहत्था छवां हम ।।

 

©® पयाश पोखड़ा


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