तुमरि खुद ऑनलैन ह्वैगीं

 

उत्तराखंड की लगूली

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तुमरि खुद ऑनलैन ह्वैगीं

 

तुमरि खुद ऑनलैन ह्वैगीं अजकलु ।

हमरि भटुळी भि बैन ह्वैगीं अजकलु ।।

 

आग घुघरांद न क्वी रंत रैबार आंद ।

चिट्ठि पराज़ ऐनसैन ह्वैगीं अजकलु ।।

 

खुद मा खुदेणि रैंद बिमार ज़िकुड़ि ।

तुमरि याद त कुनैन ह्वैगीं अजकलु ।।

 

लिखै न पड़ै अंग्वठा टेक छाया जो ।

फेसबुक पोस्ट फैन ह्वैगीं अजकलु ।।

 

समन्या पैलाग त गुड मोरनिंग ह्वैगे ।

कन-कना जैंटिलमैन ह्वैगीं अचकलु ।।

 

घुंडौ मा चिर्रीं जीन्स को रिवाज चा ।

टैरिकॉट त फुलालैन ह्वैगीं अचकलु ।।

 

इसकोल मा पड़दरा नि दिखेंदा बल ।

अदरि की स्कूलवैन ह्वैगीं अजकलु ।।

सर्या दिनमान ख्वजणा रवां तुमथैं ।

 

'पयाश' त ऑफलैन ह्वैगीं अजकलु ।।

 

©® पयाश पोखड़ा

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