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खांदि पींदि सींदि दौ,
खांदि पींदि सींदि दौ,
आंखि किलै तींदि रौ ।
बिसर्यामा छवां अब,
कैका बाना जींदि रौ ।
त्यारा विसवास फरै,
सदनि बिस पींदि रौ ।
सुपिन्यौ मा दिखेली,
मि दिनमान सींदि रौ ।
सच ब्वाल झूट ब्वाल,
मि त्यारा सौं लींदि रौ ।
तेरि माया निवति रा,
मि त सदनि तींदि रौ ।
ज़िकुड़ियूं मा 'पयाश',
एक
कांडू बींदि ग्यौ ।
©® पयाश पोखड़ा
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