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आंखि-आंख्यूं मा सानी ह्वैगीं
आंखि-आंख्यूं मा सानी ह्वैगीं ।
माया की मयल्दु गाणी ह्वैगीं ।।
आंख्यूंल आंख्यूं थैं पछ्याण ।
मुखड़ि देख कन भानी ह्वैगीं ।।
नजर की ढाळ-पंदाळ जाणि ।
शरमल वो पाणि-पाणी ह्वैगीं ।।
रतन्याळि आंख्यूं को उजाळु ।
औंस्या राति भि स्वाणी ह्वैगीं ।।
जब बटै भेंटाई छौं तुम दगड़ ।
स्वीणौं मा आणि-जाणी ह्वैगीं ।।
मिठ्ठा किशर्ण्यां बोल छन तेरा ।
सब्द-सब्द घ्यू की माणी ह्वैगीं ।।
क्युंकळि कादै सि जिकुड़ि मा ।
मायादार छुयूं की स्याणी ह्वैगीं ।।
©® पयाश पोखड़ा
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