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सुदी त् क्वी नी देख्दु कै सणि
सुदी त् क्वी नी देख्दु कै सणि
सुरक खिदकी खोली
यन त् क्वी नी देख्दु लुकाछुपी
सुरक खिदकी खोली
कुछ त् खास होलू मै मा
क्वी त् बात होलि
सुदी त् क्वी नी देख्दु कै सणि
सुरक खिदकी खोली, सुरक
खूटी अलगै अलगै भीड़ माँ खोजांदी
खोजांदी कै सणि, मै पता छ
कभी के कूड़ा कौंरा फर कैकि छ्वी लगांदी
लगांदी कैकि छ्वी, मै पता छ
पता छ कू छ व्ये क मन बसयूं
मन चैंदु मायादार
सुदी त् क्वी नी पुछ्दु कै कु नौ
बिगर सोच तोली
कुछ त् खास होलू मै मा
क्वी त् बात होलि
सुदी त् क्वी नी देख्दु कै सणि
सुरक खिदकी खोली, सुरक, सुरक
बाटों मा जब मिलदी यखुली
मुल मुल हसेंदी, हसेंदी कै देखि, मै पता छ
दगड़ियों दगड़ा जांदी अगडी, पिछडी हेरणि रांदी
हेरदी कै सणि, मै पता छ
पता छ कू छ व्ये क मन बसयूं
मन चैंदु मायादार
सुदी को सरमान्दु कै देखि
डोला की सी ब्योली
कुछ त् खास होलू मै मा
क्वी त् बात होलि
सुदी त् क्वी नी देख्दु कै सणि
सुरक खिदकी खोली, सुरक
ह्वे सकदु मेरी तिसाली आख्युं को भरम हो
भरम आख्युं को, ह्वे सकदु
ह्वे सकदु, व्ये की बाली ज्वानी की सरम हो
सरम ज्वानी की, ह्वे सकदु
ह्वे सकदु क्वी न क्वी त होलु वीं को
मन चैंदु मायादार
सुदी त् क्वी नी औन्दु कैका स्वेणा म
अधा रति मा यखुली
कुछ त् खास होलू मै मा
क्वी त् बात होलि
सुदी त् क्वी नी देख्दु कै सणि
सुरक खिदकी खोली, सुरक, सुरक
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