चकाचौंद होण चैंदी

 

उत्तराखंड की लगूली

हिन्दी   ।  गढ़वाली ।    ।  गजल  ।  अन्य  ।  कवि  ।  कवयित्री  ।  लेख  ।

 उत्तराखंड देवभूमि  I अनछुई सी तृप्ति  I  ढुंगा - गारा  I  आखर - उत्तराखंड शब्दकोश  I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I  कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिकवितायें ।  

 गढ़वाली गीत


 चकाचौंद होण चैंदी


चकाचौंद होण चैंदी

राज्य मा रज्वाडौं सी

बावन गढू की एक

मुट एक जुट सी

एक नारू एक ख्यात

आवा बंणा विश्व विख्यात

राज्य का विकास बाना

भूल जावा गौंउ जात

रोज नई दिशा टटोळा

रोज नयू ज्ञान फोळा

न हो क्वी पिडन कंणाँणूँ

आवा घूमा खोळा खोळा

छौंदी ह्वे न हो निछौंदी

आवा हथुमा हथ मिलावा

कैका हाथै कलम बंणा

कैकु तै रोजगार दयावा

भविष्य का गर्त क्याच

कै तै बी नीच पता

आवा नई पीढी तै

आज नयू बाटु बता

राज्य का उत्थान मा

युवौं कु हाथ होण चैंद

विकास अर रोजगार

पैली बात होण चैंद

भाषा का विकास मा

साहित्यकारू कु हाथ होण चैंद

गीत अर संगीत की

गंगा जमना बगण चैंद

आवा सबी सुर मिलावा

लगा उत्तराखण्ड कु जैकारू

एक गीत दगड़ी गावा

उत्तराखण्ड हो सबचै प्यारू

 

कवि : विमल सजवाण

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ