दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले
दादू
मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले
कोरस दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले
दादू
मेरी सोंज्यड़या च काकू दादू मेरी गेल्या च हिलांसी झम झमले
कोरस दादू मेरी सोंज्यड़या च काकू दादू मेरी गेल्या च हिलांसी झम झमले
छायो
मी बाजी को पियारो छायो मी मांजी को लाडूलो ...... २
छो मेरा गोला को हंसुलो दादू रे बोजी को बिटूलो !
कोरस झम झमले दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले
दादू
मिन रोसल्युन का बीच बैठी की बांसुली बजैनी
...... २
... दादू मिन चैरी की चुलाखूयूँ चलखदा हुंयु चुला देखिनी !
कोरस झम झमले दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों
को वासी झम झमले
देखि
मिन म्वआरयूँ को रुनाट दादू रे कौथिग का थाल ...... २
दादू रे बे पोतली देखिनी लेन मिन रेशमी रुमाल !
कोरस झम झमले दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों
को वासी झम झमले
दादू वो रूडी का कौथिग सुयुन्द सी सैंडा माँ की कूल...... २
दादू वो सोंज्यड़यों की टोल व्हेग्यायी तिम्ला को फूल !
कोरस झम झमले दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले
दादू
रे उडमिला बुरांसुन लुछीन भोरों की जिकुड़ी...... २
दादू रे किन्गोडयों का बीच देखदी मिन हेन्स्दी फ्युन्लाड़ी !
कोरस झम झमले दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले
झुमकी
सी तुड तुड़ी मंगरी मखमली हेरी से अंगडी...... २
हिल्वार्यों
हल्क्दी धोपैली घुन्कदी लोंक्दी कुयेडी !
कोरस झम झमले दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों
को वासी झम झमले
कोरस दादू मेरी सोंज्यड़या च काकू दादू मेरी गेल्या च हिलांसी झम झमले
उत्तराखंडी
गीत दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी दादू मी पर्वतों को वासी झम झमले
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