प्रीत कन कदिन एल्बम:- बरखा
(प्रकाशित:
27-03-1992)
नरेंद्र सिंह नेगी
प्रीत कन कदिन.. माया
केकु बोदिन
प्रीत कन कदिन.. माया
केकु बोदिन
मायादार छंया त बतावादि...
मायादार छंया त बतावादि...
ये बात या बतेने ने नि..
सिखने पढ़ने नि..
बात या बतेने नि..
सिखने पढ़ेने नि..
सोचा तोला अर बिंग ल्यावादि...
सोचा तोला अर बिंग ल्यावादि...
प्रीत कन कदिन.. माया
केकु बोदिन
बात या बतेने नि..
सिखने पढ़ेने नि..
क्या छन प्रेम का असार ..
क्या छन प्रेम का असार ....
क्या समझण की वेगे प्यार
क्या समझण हे जी..
सच्ची बात फुण्ड रड केकी
झूठो सौण खावो जब क्वी
हैंका सनि थगणा चा वू
अफी ठगे जाओ जब क्वी
क्या च यूं बथो कु सार
समझ लिया की वेगे प्यार
हे जी भलु केकी समझजावादी
सोचा तोला अर बिंग ल्यावादि...
प्रीत कन कदिन.. माया
केकु बोदिन
बात या बातने नि..
सिखने पढने नि..
सच बतावादी सौं खैकी
सच बतावादी सौं खैकी
सेली पड़-दी कै देखिकी..
सेली पड़-दी जी..
तिस्वाला प्राणि तिस
बूझी जांदी वे देखिकि
ह्वेकु पित्त मोर्यो
सरेल
खिलि जांदू वे देखिकी
कु होलू वू बैख बोला
होला तुमि गेढ खोला
हमरा भरोसा त ना रावा दि।
मायादार छंया त बतावादि..
बात या बतेने ने नि..
सिखने पढ़ने नि..
प्रीत कन कदिन..
माया केकु बोदिन
बोला प्रीत मा क्या हुंदु
बोला प्रीत मा क्या हुंदु
मनखि हैंस्दु चा की रुंदु
बोला बोला जी।
मनमा हैंसद मनमा रुंद
अफ दगडि अफ्फि बच्यांद
बिराणी खुद बिराणी सुध
अपड़ु अफ मा कुछ नी रांद
क्या च यूं बथो कु सार
समझ लियां की वेगे प्यार
क्या तुम्हारा जी मां
बोल ल्यावादि...
सोचा तोला अर बिंग ल्यावादि...
प्रीत कन कदिन.. माया
केकु बोदिन
बात या बातने नि..
सिखने पढने नि..
सच बतावादी सौं खैकि
सच बतावादी सौं खैकि
कोछ क्या पच्छ्याण वेकी
क्या पच्छ्याण चा ..
बिन दिख्यां दिखेंद वो
बंद -आंख्यो मां बार
बार
नौ नी जणदु गौं नि जणदु
विंकी मन मा चा अनवार
अ
कु होलू वू बैख बोला
होला तुमि गेढ़ खोला
हमरा भरोसा त ना रावा दि।
मायादार छंया त बतावादि...
बात या बतने ने नि..
सिखने पढ़ने नि..
बात या बतने ने नि..
सिखने पढ़ने नि..
सोचा तोला अर बिंग ल्यावादि...
सोचा तोला अर बिंग ल्यावादि...
प्रीत कन कदिन.. माया
केकु बोदिन
प्रीत कन कदिन.. माया
केकु बोदिन
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