बोला भै-बन्धू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्


  बोला भै-बन्धू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला भै-बन्धू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

हे उत्तराखण्ड्यूँ तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

 

जात न पाँत हो, राग न रीस हो

छोटू न बडू हो, भूख न तीस हो

मनख्यूंमा हो मनख्यात, यनूं उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला बेटि-ब्वारयूँ तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला माँ-बैण्यूं तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

 

घास-लखडा हों बोण अपड़ा हों

परदेस क्वी ना जौउ सब्बि दगड़ा हों

जिकुड़ी ना हो उदास, यनूं उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला बोड़ाजी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला ककाजी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

 

कूलूमा पाणि हो खेतू हैरयाली हो

बाग-बग्वान-फल फूलूकी डाली हो

मेहनति हों सब्बि लोग, यनूं उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला भुलुऔं तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला नौल्याळू तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

 

शिक्षा हो दिक्षा हो जख रोजगार हो

क्वै भैजी भुला न बैठ्यूं बेकार हो

खाना कमाणा हो लोग यनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला परमुख जी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

बोला परधान जी तुमथैं कनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्

छोटा छोटा उद्योग जख घर-घरूँमा हों

घूस न रिश्वत जख दफ्तरूंमा हो

गौ-गौंकू होऊ विकास यनू उत्तराखण्ड चयेणू छ्!!

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