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उत्तराखंडदेवभूमि * काव्यउत्तरखंड
* गढ़वाळी YOU-TUBE
चैता की चैतवाल
छोरी ……..
उड़नेडू एग्याय रे चैता
की चैत्वल्या
चैता की चैत्वाल्या
चैता की चैत्वाल्या हा
हा
शिव जी का बागवान सची
फूल फुल्या छन ..
अरे फूल फूल्या छन
..
हा फूल फूल्या छ ना ना
हाथयो मा धरयु चा तेरु
रेशमी रूमाला
सचे मुंड मा धरयु च तेरु
घासी को घडुआ .
बल हाथयो मा धरयु चा
तेरु रेशमी रूमाला
सचे मुंड मा धरयु च तेरु
घासी को घडुआ .
बल रेशमी रुमालना भवरा
हका ले ..
पोथला उड़े ले …पोथला
उड़े ल्या हा हा
बल रेशमी रुमालना भवरा
हका ले ..
पोथला उड़े ले …पोथला
उड़े ल्या हां हां …
खुट्यु की झवरी तेरी
छुम छुम बजली
तु ता ठुम ठुम हिटेली
बल खुट्यु की झवरी तेरी
छुम छुम बजाली
तुता ठुम ठुम हिटेली
तुतो बिग्रेली घुट्यो
न
सचे कनु खेल लगेली
अरे पिफले डाली मुड़ी
तू चौफली खेलली
चोपत्ति खेल ली .
चोपत्ति खेल ली ..ल्या
हां हां
बल पिफले डाली मुड़ी तू
चौफली खेलली
चोपत्ति खेल ली
चोपत्ति खेली ..ल्या
हां हां..
तड़तड़ी नाकुड़ी तेरी सुडसुडी
नाकुड़ी तेरी
संगुली सी बुलाक तेरी,
तड़तड़ी नुकड़ीनदा छोरी
, भली बीराजी दीन्दा
सची भुराणी लटुली
अरे भूराणी लटुली तेरी
डांडाती फुरमा ..
छोरी फुर फुरा उडाली
मन मा खित खिता हैसदी
..
तू का देखा देके जाना
भुराणी लटुली व् फुरर
फुरा उड़े ले
फुर फुरा उड़ेले फुर फुरा
उड़े ल्या हा हा ..
बल घुन्ग्रयाली लटुली
व् फर फुरा उड़े ले ..
फुर फुरा उड़ेले फुर फुरा
उड़े ल्या हा हा ..
सुवापंखी साडी तेरी मखमली
अंगिया तेरी पिंगली चादरी
सुवापंखी साडी तेरी मखमली
अंगिया तेरी पिंगली चादरी
सचे रासुल्या का बीच
, छोरी डांडा की कुले मा
पिंगली चादरी व् फुर
फुरा उड़ेले
फुर फुरा उड़ेले
फुर फुरा उड़े ल्या हां
हां ..
बल भला भला फूलो की चोंसरी
बणे ले
फूलमाला गड़े ले ..चोंसरी
बाणे ल्या हां हां
पैल्या की फूलमाला तू
बद्री चढे ले ..
बल दूसरी फूलमाला तू
केदार चढे ले .
बल पैल्या की फूलमाला
तू बद्री चढे ले ..
बल दूसरी फूलमाला तू
केदार चढे ले .
बल तीसरी फूलमाला हरिद्वार
चढे ले ..
हरिद्वार चढे ले
हरिद्वार चढे ल्या हां
हां …’
बल तीसरी फूलमाला हरिद्वार
चढे ले ले ..
हरिद्वार चढे ले ले
..
हरिद्वार नहे ल्या हां
हां …
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