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माटू से नातो
1.
माटू दगड़ू
माटा तलक
पैदा ह्वेन
जिन्दगी खपैन
आखिर
माटू माटा मा मिलिन।
2.
ये माटा दगड़
नातो तबैर बे च
जबैर हिटणु बि
नि औन्दू छौ
ख्वलांस बाळो
तेकु ढळु गप्प गप्पाक
गिचा गमजै देंदू छौ
अर ब्वै झट गिचौ पितोड़ी
तै भैर निकाळी मितैं
हैका जागम थिचाड़ी देंदी
पर!!!!
मि भी कख मानण बळू छौ
फेर ग्वै लगै
वीं माटा मा ऐ
लमड्वळी ख्यल्दू ।
3.
अब समै दगड़ सरकी
ये माटा मा द्वी खुट्टोन
दनकोण लगिन
जबैरी अगासा बादळ
पाणी बणी ये दगड़
दोस्ती गंठ्योन्दा
तबैरी हम द्वी चार मिली
तौं कि दोस्ती रदौळी
कीचड़ बणे देन्दा छां।
4.
कुछेक समै बाद
माटा दगड़
नातू द्वी-द्वी हाथ
अजमोण फर ऐग्यूँ
बाड़ी-सैगोड़ी
ड्वखरा-पुंगणों मा
लौंच्या नोनू
जति हाथ चलान्दू
उत्गा वा पुटगों धीत पैदा करदू।
5.
ज्वानी मा खुट्टा धरण यी
माँ-माटी मैत्वा बींगिन
मन ज्यू देह
ये कि सेवा कनु रामसाण लगिन
फिर क्या छौ मारी रेस
अर चम्म पकड़ी बंदूक
खयेन यीं कि कसम
कि माँ
जबारी तलक ये शरेल मा
प्राणवायु छिन
तेरी रक्छा करुल।
*@ बलबीर राणा ‘अडिग’*
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