उत्तराखंड की लगूली
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""ख़ामोशी बोलती है ""
उनके हालात दिल तक पहुंच जाते हैं,
होंठ खामोशी में भी सब कह जाते हैं ।
निगाहें खूबसूरत आयना सच कहकर
उनके जज़्बात हमें नज़र कर जाते हैं ।
खुशी या दर्द छुपाने के करें बड़े जतन,
"ख़ामोशी बोलती है" यह भूल जाते हैं ।
यादों के मंज़र हृदय जोड़ कर रखते,
बिना बोले आपस में बतिया जाते हैं।
डूबकर उन निगाहों में भीग गए जो ,
बार-बार डूबने की दुआ कर जाते हैं।
है ये समन्दर मोतियों भरा हमेशा से,
पाकर रत्न सारे भी प्यासे रह जाते हैं ।
प्रेम वो अद्भुत सच्चाई है जग में दोस्तों,
जिसके किस्से सदियों से पूजे जाते हैं।
विनीता मैठाणी
ऋषिकेश
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड
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