उत्तराखंड की लगूली
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चांठु
इतगा मुश्किल भी नि
असौंगा बाटों थें नपण,
भ्याळ भँकारों हिटण,
अलङ्ग चांठों चढ़ण।
मनखियूँ न नापि दे,
हिमालय जन अलङ्ग पाड़,
एवरेस्ट का कांठों,
सर्या धरती, अगास,
चाँद-सुर्ज, मंगल तक।
पण नि नापि सकि
कब्बि भी जु वो च,
अपणों क मन का चांठा।
©®
अंजना कण्डवाल 'नैना'
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