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बाते काफी होती हे पहाडी आभुषणो की ,पहाडी सुहाग की निशानी बुलाक मै सालो से स्टालो मे ढुंढ रहा पर मिला नही
अब जाकर मुराद पुरी हुई है किस किस माता बहिनो का नाक बुलाक के लिए छिदा है बताऐ ताकि बुलाक का आर्डर दिया जा सके ओर यह हमारी दादी परदारी नानी वाला श्रंगार बना रहे।
जगमोहन जिज्ञासु
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