*मुक्ति*

 

उत्तराखंड की लगूली

हिन्दी   ।  गढ़वाली ।  कुमाउँनी  ।  गजल  ।  अन्य  ।  कवि  ।  कवयित्री  ।  लेख  ।

 उत्तराखंड देवभूमि  I अनछुई सी तृप्ति  I  ढुंगा - गारा  I  आखर - उत्तराखंड शब्दकोश  I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I  कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिकवितायें 

उत्तराखंडदेवभूमि *  काव्यउत्तरखंड *  गढ़वाळी  YOU-TUBE 

                                                                                                *मुक्ति*

 

*गंगा नयोणू जाणा छों अर गंदगी फैलाण लग्याँ*

*तीर्थ घूमिकि आणा छों अर कूड़ा वखी फैलाणा छंयाँ*

*अर सोचणा छों कि पुण्या कमाणा छों*

*सत्य नारेण की कथा कना छों,*

*गरुड़ पुराण अर भागवत भी कना छों*

*अर सोचणा छों कि आत्मा थैं मुक्ति मिल जाली*

*चुचों आत्मा कु त स्वरूप ही मुक्त च*

*मुक्ति मिलली त केवल जिकुड़ी हल्की रखण से*

*एक हैंका कि मदद कन से*

*एक हैंका कि पीड़ा अपड़ी समझण से*

*मुक्ति मिल्द जिकुड़ी कि गेड़ खोलण से*

*हैंसण खेलण नचण से बोन बच्योण से*

*मुक्ति मिल्द कविता रंचण से*

*कविता बंचण से अर जीवन म काव्यता लाण से*

 

*ओ पी पोखरियाल*

उत्तराखंडदेवभूमि *  काव्यउत्तरखंड *  गढ़वाळी  YOU-TUBE 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ