"नयु साल"

उत्तराखंड की लगूली

 उत्तराखंड देवभूमि  I अनछुई सी तृप्ति  I  ढुंगा - गारा  I  आखर - उत्तराखंड शब्दकोश  I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I  कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिकवितायें     

"नयु साल"


होलु उदंकार धुंधुर छँटलु,

आँखियूँ मा लाग्यां जाळा हटलु,

नयु साल कु जब नयु नयु सुरज,

सैरी मुन्था मा उज्यालु बॉंटलु।


आसा तृष्ना कु गीत नयु होलु, 

हीत प्रीत कु भी रीत नयु होलु,

बनि बनि का जब फूल ख़िललु

धरती कु माटू भी खित हैंसलु।

नयु साल कु.....................


जौं की माटा मा टोप मारीं च।

मां की खुचलि निवती लिंयीं च।

अंगरिक क भैर आल स्यु बीज

जब तौं सूरज धवड़ी लगालु।

नया साल कु......................


चाँदी की ह्वे ग्येनि हिंवाली काँठी,

बादलु न जब ह्युंचुळी बाँटी

तीस बुझेलि रूखी धरती की, 

डाँड़ी कांठियूँ का जु ह्युं गळलु।

नयु साल कु........................


©®अंजना कण्डवाल 'नैना 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ