बीते वर्ष की खट्टी मीठी यादें

 

उत्तराखंड की लगूली

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बीते वर्ष की खट्टी मीठी यादें


जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला है,

कुछ खट्टी मीठी यादें पीछे छोड़ चला है।


कुछ ख्वाहिशें तो दिल में रह गई हैं,

कुछ  सुन्दर यादें बिन मांगे मिल गई हैं ।


कुछ ऐसे दिन जो हम  छोड़  गये,

कुछ नयें जुड़ गये कुछ से हम जुड़ गये।


कुछ मुझसे सायद  खफा हो गए हैं,

कुछ मुझसे बहुत खुश हो गये होंगे।


कुछ मुझे मिले भी ऐसा लगा पहचानते नहीं,

कुछ मुझे देखकर बिना मुस्करा रहे नहीं।


 सायद मैं पगली उनके लिए अंजान थी ,

पर वो भी कुछ कम नहीं थे जो परेशान होते रहे।


कुछ को मेरा इंतजार हमेशा रहेगा,

कुछ का मुझे सारी जिंदगी इंतजारी रहेगी।


 कभी कोई गलती हुई हो तो माफ कीजिएगा,

 अगर मेरे संग कुछ अच्छा लगे तो याद कीजियेगा।


स्वरचित--श्रीमती अनूपा कुमेड़ी 

सलना नागनाथ पोखरी

 उत्तराखंड 

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