उत्तराखंड की लगूली
उत्तराखंड देवभूमि I अनछुई सी तृप्ति I ढुंगा - गारा I आखर - उत्तराखंड शब्दकोश I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिI कवितायें
"द''
भारि -भारि छुयों मां विराम लगै जांदु यु "द',
कैकु आणा कु अहसास दे जांदु यु "द'।।
भाषा ही मेरा मुल्क की मायादार च ,
झणि कनि माया लगै जांदु यु " द ' ।।
कैबरि त मेरा हिया मां उक्ताट सी मचै जांदु,
अर सवालों मां सवाल दे जांदु यु "द' ।।
व्यंग्य बाण यु जब लगदु मिथै ..
.छलकदि हैंसि थामि जांदु यु "द' ।।
विनीता मैठाणी
ऋषिकेश पौड़ी गढ़वाल
उत्तराखंड
0 टिप्पणियाँ