"जांठु"

उत्तराखंड की लगूली

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"जांठु"


*जांठु क्या च यु कैल बतै साकि,*
*यु ब्वे बाबु का हाथ म च त*


*ननतिनो का संस्कारू की पैली गौली*
*गुरुजी का हाथ म त विद्यार्थी कु भविष्य*


*दादाजी का हाथ म त बुढ़ापा कु सारू*
*मात्मा का हाथमा त आत्मा कु उधार*


*भैरों का हाथ म टिमरू कु जांठू*
*त अलै बलै छू मंतर*


*गांधी का हाथ म त देश कु उधार*
*पुलिसा का हाथ म त*


*विनाशाय च दुष्कृताम*
*जांठु गलत हाथ म एगी त बल*


*जैकु जोर बल वे कु जांठु*
*जैकु काम बल वे कु हि साजे*

*और न त जांठु बाजे*


*ओ पी पोखरियाल*
*पोखरी गौं*
हाल *दिल्ली बटी*
धाद मातृभाषा एकांश
विधा- क्षणिका (अतुकान्त ) 

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