जय उत्तराखंड

उत्तराखंड की लगूली


जय  उत्तराखंड

ये हिमक्रीट शुभ्रतम,
रजत शिखर अन्यन्यतम,
सर्वोच्च शीर्ष सर्वदा,
सुवर्ण शीश सुंदरम, ये हिम...

स्निग्ध दीप्त ताप से,
पिघल-पिघल के हिम बहे,
लहर-लहर एकत्र हो,
समग्र हो सुधा बहे। ये हिम...

विराट वन्य सम्पदा,
विविध जैव जन्यता,
असीम जीव जीविका,
वनोषधि प्रबल्यता। ये हिम..

ललित-हरित हरितमा,
समृद्ध शस्य श्यामला,
बुरांस,बांज ,लालिमा,
हिंसर,किगोड़,मधुरिमा। ये हिमक्रीट...

देवभूमि,तपोभूमि,
धर्मध्वज सनातनम,
बद्री केदारनाथ,
पावनी गंगो-जमन। ये हिम--

घाटियों में फूल हैं,
अरण्य कंदमूल हैं,
गीन्थी,तैडू ,च्यांणा,काफळ,
स्वाद सह अनुकूल हैं।ये हिम..

बस यहीं की रीत है,
कि दिलों में प्रीत है,
थड़या,चौंफला,चांचरी,झुमैलो,
बाजूबन्द गीत हैं। .ये हिम..

वीर भूमि,भड़ भूमि ,
बावन गढ़ों की भूमि,
तीलू,माधो,चन्द्रसिंह,
अदम्य शौर्य युक्त भूमि। ये हिम..

सभ्य शिष्ट,सरल,विरल,
हृदयों में भाव हैं,
निष्कपट औ सौम्य सरल,
मानव स्वभाव है। ये...

जयति जय भारत अखंड,
जय सदैव उत्तराखंड,
जय पवित्र देब भूमि,
जय महान उत्तराखंड।ये हिमक्रीट..

©®
गिरीश पंत मृणाल,
मृणाल


 

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