मन मां बिन्डी उमाव्ल

उत्तराखंड की लगूली

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मन मां बिन्डी उमाव्ल


मन मां बिन्डी उमाव्ल अयूं च।

गौं छोडी़क यख रंगमत बण्यूंच।।


काकी बोडी बोडा काका गौं का,

अंकल आन्टी नाता झूठा नौंका।


छठछमाही मां बयो,मण्डाण मां,

जै छा नितर फंसी ग्यां धाण मां।


घरै,लाल छेमी लगुली भट्याणी,

औदुं ह्यूंद बग्वाव्ल्यौं रस्याणी।


बुखै,बुखणा चूडा़ खुदेड़ धियाणी,

घाम पड़गी लगुल्यों मा चैंदु पाणी।


छायावादी पन्त कविता याद आणी,

धरती कथगा देंदी,सच्ची छ्वीं लाणी।


जनार्दन प्रसाद उनियाल

 

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