आधुनिक बेताल चौबीसी (कथा - 2)

उत्तराखंड की लगूली

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(कथा - 2)

आधुनिक बेताल चौबीसी
शव को सिरस के पेड़ से वापस उतारकर राजा विक्रम फिर जैसे ही कुछ कदम चले थे, शव में मौजूद बेताल ने राजा को यह दूसरी कथा सुनाई। बेताल बोला," महाराज, अपने कार्य में महारत हासिल होने के बाद भी जरूरी नहीं कि व्यक्ति को वह मनोवांछित सफलता मिलेगी जिसका वह सही हकदार होता है । उदाहरण के लिए मैं तुम्हें अपने देश में एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित की जाने वाली उस गायन प्रतियोगिता के बारे में बताना चाहूँगा जिसमें वीरसेन और उत्तम कुमार, ये दो प्रतियोगी फाइनल में पहुंचे थे। गायन की दृष्टि से वीर सेन के सामने उत्तम कुमार एक बहुत ही कमजोर प्रतिद्वंदी था लेकिन जब प्रतियोगिता का परिणाम आया तो बाजी उत्तम कुमार के हाथ लगी। मेरा सवाल सिर्फ इतना है कि गायकी में सर्वश्रेष्ठ होने के बावजूद इस प्रतियोगिता में वीरसेन क्यों पराजित हुआ ? "
राजा ने हंसते हुए कहा, " मुझे ताज्जुब है कि सब कुछ जानते हुए भी तुम यह सवाल पूछ रहे हो। दरअसल, उस प्रतियोगिता के फाइनल में सर्वश्रेष्ठ गायक का फैसला जनता से मिले मतों के आधार पर होना था । यद्यपि ये दोनों प्रत्याशी एक ही प्रदेश से थे लेकिन उस प्रदेश में उत्तम कुमार की जाति का बहुमत है। जातीयता के जाल में फंसे उस प्रदेश में वीरसेन भला कैसे प्रथम आ सकता था ? " बहरहाल, राजा के जवाब को सुनकर बेताल ने फिर वही किया जो वो आजतक करता आया है। (क्रमशः कथा - 3 )
स्वरचित सादर
सुभाष चंद्र लखेड़ा
विज्ञानकु

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