तेरी याद

उत्तराखंड की लगूली

 उत्तराखंड देवभूमि  I अनछुई सी तृप्ति  I  ढुंगा - गारा  I  आखर - उत्तराखंड शब्दकोश  I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I  कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिकवितायें 

तेरी याद

तेरी याद त भौत आंद पर क्य कन्न ।
मजबूरी छन कुछ कनक्वै ब्वन्न ॥
स्यनि सवाल म्यारू बि तुम से चा ।
बोला तुमन चुप रैण कि कुछ ब्वन ॥

हव्वा जन फैलीं हमरी माया दुन्या मा ।
बतावा मिन लुकै कन कख जि धन्न ॥
तेरी जग्वाळ मा बैठ्यूं छौ देखा त सै ।
अब जग्वाळ बि कन त कबतलै कन्न ॥

त्यारू नौ लेकी मी हुर्याणां लोग ।
अब मिन ब्वन्न च त कैमा ब्वन्न ॥
यखुलि छौ रुणूं कबि हैंसणू इख ।
मिन सारू धरण त कैमा धन्न ?

तुमुन त कैरि यालि सवाल पोड़ी गे सेळ ।
मिन जबाब ब्वन तं कैमा ब्वन ।
खार्यूं उदगार छन मैमा तु कबिआत सै
त्वैमा रुंण छक्वैकि मिन त्वैमा ब्वन्न ॥

संदीप गढ़वाली 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ