"आँसू"

 

उत्तराखंड की लगूली

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"आँसू"

उन त आँखियूँ का पाणि हुँदा आँसू,
दुःख सुख की पछ्याण हुँदा आँसू।

मन की पीड़ा जिकुड़ि भैर ऐ जाँदा,
दुःख मा सौण भादों सी चूँ दा आँसू।

मेळो मा अपणों खुज्यान्दी आँखि,
गौळा भेटि टोळा मारी रूँदा आँसू।

मन की सचै जब कै बिंगे नि जाणी,
पुटगा का गुस्सा भी बिंगौंदा आँसू।

यूँ आँसू की भी कुई पछ्यांण नि यख,
ख़ुशी मा आँखियूँ का छळकेंदा आँसू।

पुछदर नि जैकु कुई भी ये संसार मा
वे की जिकुड़ि पत्थर बणि रैंदा आँसू।

लाख जतन करा पीड़ लुकाणे 'नैना'
मन की सब्बि भेद मा बतौंदा आँसू।

©️®️ अंजना कण्डवाल 'नैना'

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