ऐजा अब…ऐजा

उत्तराखंड की लगूली

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 ऐजा अब…ऐजा

गज़ल

ऐजा अब हवा पाणि बदळणा को ऐजा ।
ऐजा अब राजा राणि बदळणा को ऐजा ।।

थकि ग्यवां छुयांळु दगड़ा हुंग्रा दींदा दींदा ।
ऐजा अब कथा काणि बदळणा को ऐजा ।।

जमना मा बौलु भुर्तु मीनत मजूरी हर्चिगे ।
ऐजा अब धाणि पाणि बदळणा को ऐजा ।।

कुट्बक्या रमछोळ मा बचन मरैणा छन ।
ऐजा अब बाच बाणि बदळणा को ऐजा ।।

स्वाणि कुस्वाणि तिड़बज्ञां शकल अकल ।
ऐजा अब भौउ भाणि बदळणा को ऐजा ।।

आबत अस्नौ अपणा पर्यौ कख दिखेंदिन ।
ऐजा अब आणि जाणि बदळणा को ऐजा ।।

बांजि पुंगड़िम चार्याल अपणो ल्वै पस्यौ ।
ऐजा अब खैरि खाणि बदळणा को ऐजा ।।

सुपिन्यौं का भर्वसा कख चलदिन जिंदगि ।
ऐजा अब साणि गाणि बदळणा को ऐजा ।।

दरद पिड़ा का दूण भ्वर्यान जिकुड़ियूं मा ।
ऐजा अब पाथु माणि बदळणा को ऐजा ।।

परदेस की खटै मिठै यख भि मील जांद ।
ऐजा अब लैची दाणि बदळणा को ऐजा ।।

©® पयाश पोखड़ा

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