उत्तराखंड की लगूली
उत्तराखंड देवभूमि I अनछुई सी तृप्ति I ढुंगा - गारा I आखर - उत्तराखंड शब्दकोश I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिI कवितायें
घर बौडी़ औ भट्याणी
उरख्याव्ली तकणी त्वेतै,
ऐजा दी मेरी धियाणी,
बुथै जा अपणी ब्वेतै
खैरी गिंजाव्ली बुलाणी,
तेरा बौडै की जांदरी
अगनै तेरी उर्ख्याव्ली,
मुंड मांं धरीं चादरी
तू भूलिगै लठ्याव्ली
हिन्दी पाठशाला पढीक
वर्णमला गणित पहाडा़
पढीन,बढीन बेटी लडी़क
पढदरा यख पढी ह्वेन बडा़।
रिंगाव्ली कलम कमेडा़ बुथग्या
गुरुजी अंगुव्ली पकडी कोमव्ली
हिटण,बच्याण कुसगोर्या सगोर्या
पिटदा,डांटदा मलासदा मुंडव्ली
अंग्रेज भगैन अंग्रेजीयत किलै,
हमरी हिन्दीन कथगा शब्द खपैन
उर्दू अरबी अंगरेजी अफ मां मिलै
यो मेहमान हमुतै डरौंण लगैन।
-------------------------------------------------
जैकी अफणु अफमुंं नी सबकुछ,
एक हैंका सिखा सौरी होंदी तुच्छ।
बोल्यूं माणा बोलणु जे.पी यू..प्रतीक,
देवभूमि बोली भाषा रिवाज सटीक।
-------------------------------------------------
रचनाकार
जनार्दन प्रसाद उनियाल
0 टिप्पणियाँ