ऊ च परमात्मा

उत्तराखंड की लगूली

 उत्तराखंड देवभूमि  I अनछुई सी तृप्ति  I  ढुंगा - गारा  I  आखर - उत्तराखंड शब्दकोश  I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I  कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिकवितायें 

ऊ च परमात्मा

ऊ फूल फुलां दु मा रेंदु
हम कण्डा बिराणा मग्न
वैकि बेल बेल मा छ शिक्षा
हमरि बुद्धी पुरि नग्न

ऊ हैंसी पसरयां दु रेंदु
हम आंसू खरचि कि लेंदा
वैक उजाळ हर औरि भेंटि जांद
हम बाटा चुक दा रेंदा

ऊ सुख उधाळण मा रेंदु
हम दुःख गोळा करदा रेंदा
ऊ हिमाळ जणी चम चम दु
हम अंधारा दग्डी टम टम दा

ऊ हर मनखी मनखी का मन मा
हम वैते ढूँगा ढूँगा मां पूजदा रें दा
ऊ जन्मयूं बाळ सरीर मा विचरदूं
हम वैते पाप कैरि कैर मा फेंकदा

ऊ हर स्वांसा कु असीस छ
हरेक जिब -जंतु वैकु रंग मा
हर जिब ते तू बचा वैकू एक मंत्र
हम मिट मॉस खाणा मां रैंद दंग
ऊ ज्ञान कु प्रचार प्रसार कर दु
हम बुद्धी ह्वैकि बि अँगठ छाप
ऊ अंजळ भोरि कि लक्ष्मी देणु
हम गुनि गुनि भोरि मांगदा रेंदा

ऊ सुर लगाणू रेंदु प्रकृति दग्डी
हम संगीत दग्डी लय बद्ध ना होंदा
ऊ जिबन कु हर पैलु चमकाणु
हम तरी माधवसिंग भंडरी ना बणदा

ऊ च एकमेव अनंत शक्ती
हरेक जिकुड़ि कि ऊ आत्मा
ऊ च उजाळु ऊ च अंधारु
ऊ च महात्मा, ऊ च परमात्मा

स्वरचित
सादर
© बालकृष्ण डी. ध्यानी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ