हमरि बोली हमरि पछ्याण

उत्तराखंड की लगूली

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| हमरि बोली हमरि पछ्याण ||


ज्यू बोद कि भागू इतगा ,
मारी फाऴ बण बुग्याल


ड़ांड्यू अटगि तैरि नयार
सैंणा मनखिम् सोरि जौं


पर क्या कन मि लाचार छौं
घिंडुडि तरह उड़ि नि सकुदू


पाणी सी मि बोगि नि सकुदू
तभी त मि अभी अजाणा छौं


युयीं लुखू कि पछ्याण छौं
कुछ छन् भगणा भारु बुकणा


मंचू बिटिन जागरूक करणा
फंची लेकि धाद छन् मरणा


कुई त बतै दे मै भी बिंगै दें
क्यो पेथर रे जांदू द्वीयू का मिलदे


क्या दोष च म्यारु कुई त बतावा
उठा रे जागो बीज बचावा


बोऴि अपणी हर्चऽण न द्यावा


अतुल शैली 



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