"मौळ्यार"

उत्तराखंड की लगूली

 उत्तराखंड देवभूमि  I अनछुई सी तृप्ति  I  ढुंगा - गारा  I  आखर - उत्तराखंड शब्दकोश  I उत्तराखंड I गढ़वाली शब्दों की खोज कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I  कवितायें I कुमाउनी शब्द संपदा I उत्तराखंडी यू ट्यूब I उत्तराखंड संस्कृतिकवितायें 

"मौळ्यार"


ऐगी मौळ्यार डाँड़ी कंठियूँ माँ,
फ्योंली हैंसिणि भीटा पाखियूँ मा,

आरु की डाळी कन झक्क बणि च।
म्योलु की डाळी फूलून सजीं च।
बुराँस खिलपत बणियूं डाँडियूँ मा,
फ्योंली हैंसिणि भीटा पाखियूँ मा,

सगोड़ों पलिंगु बेथ्थु जमियूं च,
धणिया की क्यारी भी हैरी हुईं च,
कुंगल्यात भारी हैरी पत्तियूँ मा
फ्योंली हैंसिणि भीटा पाखियूँ मा,

लैय्या की पिंगली साड़ी पैरीं च,
आम की डाळी बौरों न भरीं च,
सजीला सुपिना छन आँखियूँ मा
फ्योंली हैंसिणि भीटा पाखियूँ मा,

रौली गधेरों मा धौलु फुलयूं च।
बंसन्त सगवाड़ी चौक अयूँ च।
बात बिंगाणु च सानि सांनियूँ मा
फ्योंली हैंसिणि भीटा पाखियूँ मा,

घुघुती बणों मा घुरोंणि च।
परदेशीयूँ थें बुलोंणि च।
लगी बडूलि तौं की सांखियूँ मा
फ्योंली हैंसिणि भीटा पाखियूँ मा,

©®अंजना कण्डवाल 'नैना

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ