उत्तराखंड की लगूली
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शब्द जब .....
शब्द जब अपने से ही
कम पड जाते हैं
तब वो खूब छटपटाते हैं
और तड़पड़ते हुए खुद से ही
आंदोलन छेड़ जाते हैं
शब्द जब .....
किसी से कुछ नहीं कहते
वो चुप से अपने में ही रहते
पछताते पछताते खुद से
वो मौन से हो जाते है
उस समय
क्यों ? ना बोला मैंने
शब्द जब .....
नैना बहने को आतुर है
दिल से जो सैलाब है उठा
तोड़ ने उस बाँध को अकेले में
उसने रास्ता वो एकांतवास का चुना
अब शब्द हैं और वो है
जिनके लिए वो छटपटाता रहा
शब्द जब .....
बालकृष्ण डी ध्यानी
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