खुशबू से***Hindi poetry written by Damayanti Bhatt


 खुशबू से


खुशबू से महक उठा दामन
जब छुआ तुमने
धीरे धीरे
लगी नेह की बरखा
मौन नयन
मन मैं मंगल
होगा अगर भाग
मिलेंगी खुशियां और अनुराग
बांहों मैं सुकून ऐसे जैसे
यादें बरसाने की
सारी रात जागे की गवाही
निधिवन के रंग महल की सेज पर
सिलवटें मिल जायेगी
कुछ दिन भटकूंगी
नदिया सी
एक दिन सागर मैं मिल जाऊंगी
आंखे खोलूं तुझको देखूं
बंद करू आंखें तुझको भैंटूं
ढाई आखर प्यार के
मेरे श्याम तुझे पा जाऊं

दमयंती 

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