आह्वान - 21


विज्ञानकु

आह्वान - 21

रहे बेसुध
कोरोना को फैलाया
हमने खुद।

लापरवाही
हमने ही अपनी
नाव डुबायी।

खोली थैलियां
होती रही रैलियां
की गलतियां।

खुद की वाह
करते रहे हम
बेपरवाह।

वक्त न खोयें
कोरोना को मिटायें
अब न सोयें।

- सुभाष चंद्र लखेड़ा 

उत्तराखंड की लगूली

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