.विज्ञानकु
आह्वान - 26
स्वयं के साथ
विज्ञान पहुँचायें
जहां भी जायें।
हमारे साथ
सभी करें प्रगति
ऐसी हो मति।
सोच में लोच
हो सारे समाज की
तार्किक सोच।
कोई इंसान
नहीं है भगवान
इस विश्व में।
सवाल करें
पाखंडियों के हम
पर कतरें।
- सुभाष चंद्र लखेड़ा
.विज्ञानकु
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